FD क्या होता है?
FD यानी फिक्स्ड डिपॉजिट एक ऐसा निवेश साधन है जिसमें आप एक निश्चित समय के लिए एक निश्चित राशि बैंक में जमा करते हैं और उस पर तय ब्याज दर मिलती है।
फिक्स्ड डिपॉजिट में आप जितनी राशि जमा करते हैं, वह एक तय समय तक लॉक हो जाती है और आपको उस पर गैर-बदलने वाली ब्याज दर मिलती है, जो सेफ्टी और स्टेबिलिटी चाहने वालों के लिए बहुत अच्छा विकल्प है।
फिक्स्ड डिपॉजिट की खास बातें
- निश्चित रिटर्न: आपको पहले से ही पता होता है कि कितने ब्याज मिलेंगे
- कोई जोखिम नहीं: बाजार की गिरावट का कोई असर नहीं
- लचीला कार्यकाल: 7 दिन से लेकर 10 साल तक की फिक्स्ड डिपॉजिट
- सुरक्षित निवेश: बैंक और डाकघर जैसी संस्थाओं द्वारा सुनिश्चित
फिक्स्ड डिपॉजिट में कैसे निवेश करें?
फिक्स्ड डिपॉजिट खोलना बहुत ही आसान है:
- अपने बैंक में जाएं या नेट बैंकिंग से फिक्स्ड डिपॉजिट ऑप्शन चुनें
- राशि और अवधि (जैसे 1 वर्ष, 3 वर्ष आदि) तय करें
- ब्याज दर देख लें और पुष्टि करें
- फिक्स्ड डिपॉजिट चालू करें और रसीद प्राप्त करें
आप चाहें तो ऑनलाइन FD भी खोल सकते हैं। लगभग सभी बैंक अब डिजिटल माध्यम से फिक्स्ड डिपॉजिट निवेश की सुविधा देते हैं।
फिक्स्ड डिपॉजिट की ब्याज दरें कैसे तय होती हैं?
फिक्स्ड डिपॉजिट पर मिलने वाली ब्याज दरें हर बैंक अलग-अलग तय करता है और यह मुख्यतः निम्न बातों पर निर्भर करती हैं:फिक्स्ड डिपॉजिट की अवधि (Term)जमाकर्ता की उम्र (वरिष्ठ नागरिक को अधिक ब्याज मिलता है)बैंक की नीतियां और रिजर्व बैंक की रेपो रेट
उदाहरण:
सामान्य व्यक्ति को 1 साल की फिक्स्ड डिपॉजिट पर 6.5% ब्याज
वरिष्ठ नागरिक को उसी फिक्स्ड डिपॉजिट पर 7.25% तक ब्याज मिल सकता है
फिक्स्ड डिपॉजिट के प्रकार (Types of Fixed Deposit)
- सामान्य फिक्स्ड डिपॉजिट (Regular FD): आम नागरिकों के लिए
- वरिष्ठ नागरिक फिक्स्ड डिपॉजिट: 60 वर्ष से ऊपर वालों के लिए ज्यादा ब्याज
- कर-बचत फिक्स्ड डिपॉजिट (Tax Saving FD): 5 साल लॉक-इन के साथ ₹1.5 लाख तक की टैक्स छूट
- फ्लेक्सी फिक्स्ड डिपॉजिट जरूरत पड़ने पर आंशिक निकालने की सुविधा
- Recurring Deposit (RD): हर महीने थोड़ी-थोड़ी राशि से फिक्स्ड डिपॉजिट बनाना फिक्स्ड डिपॉजिट के फायदे
निवेश की सुरक्षानिश्चित ब्याजटैक्स बचत का विकल्प (टैक्स सेविंग फिक्स्ड डिपॉजिट के ज़रिए)
ऑनलाइन सुविधा से मिनटों में फिक्स्ड डिपॉजिट खोलना
लोन लेने की सुविधा फिक्स्ड डिपॉजिट के बदले
FD के नुकसान या सीमाएं
- लिक्विडिटी की कमी: समय से पहले तोड़ने पर जुर्माना
- कम रिटर्न: शेयर या म्यूचुअल फंड के मुकाबले कम लाभ
- टैक्स कटौती: अगर सालाना ब्याज ₹40,000 (वरिष्ठ नागरिक के लिए ₹50,000) से ज्यादा है, तो TDS कटता है
फिक्स्ड डिपॉजिट पर टैक्स की स्थिति
फिक्स्ड डिपॉजिट से मिलने वाला ब्याज आयकर के अंतर्गत करयोग्य (Taxable) होता है₹40,000 से ज्यादा ब्याज पर 10% TDS कटता हैआप फॉर्म 15G/15H भरकर TDS से बच सकते हैं यदि आपकी कुल आय टैक्स के दायरे में नहीं आती
FD बनवाते समय किन बातों का रखें ध्यान?
- ब्याज दर की तुलना सभी बैंकों से करें
- मैच्योरिटी से पहले टूटने की स्थिति में पेनल्टी जान लें
- टैक्स नियम और फॉर्म 15G/15H की जानकारी रखें
- सीनियर सिटीजन FD के विकल्प जरूर देखें
- ऑनलाइन सुविधा से FD खोलने पर बेहतर ब्याज दर भी मिल सकती है
FD बनाम अन्य निवेश विकल्प
निवेश साधन जोखिम रिटर्न लॉक-इन अवधि टैक्स लाभ
- FD बहुत कम 5-7% 7 दिन से 10 साल कुछ विकल्पों में
- म्यूचुअल फंड मध्यम से उच्च 8-12% नहीं ELSS में
- शेयर बाजार बहुत अधिक 10-20% नहीं नहीं
- PPF बहुत कम 7.1% 15 साल हां
निष्कर्ष: क्या FD आपके लिए सही है?
अगर आप एक सुरक्षित, स्थिर और गारंटीड रिटर्न वाला निवेश चाहते हैं, तो FD आपके लिए एक बेहतरीन विकल्प हो सकता है। खासकर वरिष्ठ नागरिक, नए निवेशक, या वे लोग जो शेयर बाजार के जोखिम से बचना चाहते हैं — उनके लिए FD एक भरोसेमंद विकल्प है।
हालांकि, लंबी अवधि के लक्ष्यों के लिए FD के साथ-साथ कुछ हिस्से को म्यूचुअल फंड या SIP में निवेश करना भी समझदारी होगी।
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